डॉ. रामबली मिश्र
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हरिहरपुरी की कुण्डलिया
हरिहरपुरी की
कुण्डलिया
जनता से मिलते रहो, सुनना उसकी बात।
बात-बात में मत करो, जनता पर आघात।।
जनता पर आघात, होत है बहुत अपावन।
पापों का यह ढेर, नहीं बनता मधु सावन।।
कहें मिसिर कविराय,बहे धरती पर समता।
मन में हो आह्लाद, रहे खुश सारी जनता।
पृथ्वी सिंह बेनीवाल
08-Jan-2023 09:11 AM
बेहतरीन
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Sachin dev
06-Jan-2023 06:07 PM
Well done
Gunjan Kamal
05-Jan-2023 08:43 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
08-Jan-2023 09:11 AM
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Gunjan Kamal
05-Jan-2023 08:43 PM
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